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प्रोफ़ेसर कॉलोनी, कुशालपुर में जलभराव से परेशान निवासियों ने किया चक्का जाम

नालों की सफाई नहीं, सिर्फ नारों की सफाई हो रही है!

रायपुर, दीपक पांडेय। राजधानी रायपुर के प्रोफ़ेसर कॉलोनी, कुशालपुर इलाके में जलभराव की समस्या को लेकर स्थानीय निवासियों ने सड़क पर उतरकर चक्का जाम कर दिया। भारी बारिश के बाद इलाके में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों के घरों और सड़कों में घुटनों तक पानी भर गया है।

निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण भारी बारिश के बाद जलभराव के करण विद्यालय जाने वाले बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और स्थानीय वाहन चालकों को भारी परेशानी

स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कर आश्वासन दिया कि नगर निगम अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करवाई जाएगी|

आज सुबह रायपुर के प्रोफ़ेसर कॉलोनी, खुशालपुर इलाके में जलभराव की गंभीर समस्या को लेकर स्थानीय निवासियों ने सड़क पर उतरकर चक्का जाम कर दिया। भारी बारिश के बाद इलाके में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों के घरों और सड़कों में घुटनों तक पानी भर गया है।
निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण भारी बारिश के बाद जलभराव के करण विद्यालय जाने वाले बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और स्थानीय वाहन चालकों को भारी परेशानी

स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कर आश्वासन दिया कि नगर निगम अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करवाई जाएगी

स्थानीय निवासियों की शिकायतें:

1. 10 वर्षों से नहीं हुई ड्रेनेज की सफाई।

2. हर बारिश में घरों में घुस जाता है गंदा पानी।

3. बार-बार शिकायतों के बावजूद नगर निगम की निष्क्रियता।

4. बिजली के पोल और खुले तार जलभराव में जानलेवा खतरा बन रहे हैं।

समाधान क्या हो सकते हैं?

1.  स्थायी ड्रेनेज सिस्टम: पुराने नालों की सफाई और पुनर्निर्माण, और आधुनिक तकनीक से जल निकासी का निर्माण।

2. वार्ड स्तर पर जल प्रबंधन टीम: जो प्रत्येक बारिश के बाद फील्ड में जाकर स्थिति का आंकलन करे।

3. रेनवॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा: जिससे वर्षा का जल वहीं पर रुक सके और जलभराव न हो।

4. जलभराव चेतावनी ऐप: जिसमें नागरिक रिपोर्ट कर सकें और प्रशासन रीयल टाइम में कार्यवाही कर सके।

5. स्मार्ट सिटी बजट का पारदर्शी उपयोग: बारिश से पहले हर संवेदनशील क्षेत्र में ड्रेनेज चेकिंग और नालों की सफाई हो।

 

निवासियों की मांग:”जब तक स्थायी समाधान नहीं होगा, हम हर हफ्ते सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। बारिश अब विनाश का रूप बन गई है हमारे लिए।”

प्रशासन का जवाब:

नगर निगम रायपुर के अधिशासी अभियंता ने कहा:”जलभराव की समस्या को प्राथमिकता से लिया जा रहा है। प्रोफ़ेसर कॉलोनी समेत कई इलाकों में विशेष सफाई अभियान शुरू किया जाएगा। आगामी सप्ताह तक समुचित ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।”

रायपुर स्मार्ट सिटी की बात करता है, लेकिन यदि राजधानी में ही नागरिकों को पानी के बीच जीना पड़े, तो ये केवल योजना तक ही सीमित है। ज़रूरत है, नीति और ज़मीन पर काम की समानता की।

स्थानीय निवासियों की शिकायतें:

1. 10 वर्षों से नहीं हुई ड्रेनेज की सफाई।

2. हर बारिश में घरों में घुस जाता है गंदा पानी।

3. बार-बार शिकायतों के बावजूद नगर निगम की निष्क्रियता।

4. बिजली के पोल और खुले तार जलभराव में जानलेवा खतरा बन रहे हैं।

समाधान क्या हो सकते हैं?

1.  स्थायी ड्रेनेज सिस्टम: पुराने नालों की सफाई और पुनर्निर्माण, और आधुनिक तकनीक से जल निकासी का निर्माण।

2. वार्ड स्तर पर जल प्रबंधन टीम: जो प्रत्येक बारिश के बाद फील्ड में जाकर स्थिति का आंकलन करे।

3. रेनवॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा: जिससे वर्षा का जल वहीं पर रुक सके और जलभराव न हो।

4. जलभराव चेतावनी ऐप: जिसमें नागरिक रिपोर्ट कर सकें और प्रशासन रीयल टाइम में कार्यवाही कर सके।

5. स्मार्ट सिटी बजट का पारदर्शी उपयोग: बारिश से पहले हर संवेदनशील क्षेत्र में ड्रेनेज चेकिंग और नालों की सफाई हो।

निवासियों की मांग: “जब तक स्थायी समाधान नहीं होगा, हम हर हफ्ते सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। बारिश अब विनाश का रूप बन गई है हमारे लिए।”

प्रशासन का जवाब: नगर निगम रायपुर के अधिशासी अभियंता ने कहा:”जलभराव की समस्या को प्राथमिकता से लिया जा रहा है। प्रोफ़ेसर कॉलोनी समेत कई इलाकों में विशेष सफाई अभियान शुरू किया जाएगा। आगामी सप्ताह तक समुचित ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।”

रायपुर स्मार्ट सिटी की बात करता है, लेकिन यदि राजधानी में ही नागरिकों को पानी के बीच जीना पड़े, तो ये केवल योजना तक ही सीमित है। ज़रू

रत है, नीति और ज़मीन पर काम की समानता की।

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